प्रधानमंत्री की वीसी में चिंतित दिखे उत्तराखंड मुख्यमंत्री जी हां ये सही है उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को हुई वीडियो कांफ्रेंस में चिंतित नज़र आए उनकी चिंता का कारण अगले साल होने वाला महा कुम्भ मेला था उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया कि जनवरी से अप्रैल 2021 तक हरिद्वार में कुम्भ का आयोजन होना है। जिसमें भारी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, पुलिस बल एवं हेल्थ वर्कर काम करेंगे। राज्य को वैक्सीन की उपलब्धता के लिए हरिद्वार कुंभ को भी ध्यान में रखना जरूरी है।
प्रधानमंत्री की वीसी में चिंतित दिखे उत्तराखंड मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोविड के प्रभावी नियंत्रण के संबंध में बैठक की। इस अवसर पर आठ राज्यों में जहां कोविड के मामले तेजी से बढ़े हैं। उन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसको नियंत्रित करने के लिए किये जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों के संगठित प्रयासों से देश में कोरोना काफी हद तक नियंत्रण में है। कोरोना से लड़ने के लिए समय-समय पर अगल-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आज रिकवरी रेट एवं फर्टिलिटी रेट दोनों में भारत अधिकतर देशों से बहुत संभली हुई स्थिति में है। सभी के अथक प्रयासों से देश में टेस्टिंग से लेकर ट्रीटमेंट तक का एक बहुत बड़ा नेटवर्क आज कार्य कर रहा है। इसका लगातार विस्तार भी किया जा रहा है। कोरोना के मैनेजमेंट को लेकर सबके पास एक व्यापक अनुभव है। सभी मुख्यमंत्री अपने अनुभवों को जरूर साझा करें, ताकि कोरोना पर पूर्ण नियंत्रण के लिए ठोस रणनीति बन सके।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत में कोरोना पर नियंत्रण हुआ है, लेकिन अभी भी पूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। हम आपदा के संमंदर से किनारे तक आ गये हैं, यह ध्यान रहे कि अब कोई भी लापरवाही न रहे। कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता अभियान लगातार चलाये जाय। हमें पॉजिटिविटी रेट को 05 प्रतिशत से कम रखना होगा और आरटीपीसीआर टेस्ट पर विशेष ध्यान देना होगा।
कोविड वैक्सीन की दिशा में विशेषज्ञों द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। वैक्सीन कब तक उपलब्ध होती है, और शुरूआती चरण में कितनी उपलब्ध होती है। इसके लिए लगातार प्रयास जारी है। वैक्सीन सभी को लगवाई जायेगी, लेकिन इसके लिए शुरूआती चरण में प्राथमिकताएं क्या होंगी। राज्य सरकारें भी इस पर अपना सुझाव जरूर दें। वैक्सिनेसन के लिए राज्यों द्वारा कोल्ड चेन स्टोरेज और विभिन्न मापदण्डों के आधार पर व्यवस्थाएं कर ली जाय। इसके लिए राज्य सरकारों द्वारा स्टेट लेबल पर एक स्टियरिंग कमेटी और स्टेट, डिस्ट्रिक व ब्लॉक लेबल पर टास्क फोर्स के गठन किया जाय। इन कमेटियों की रेगुलर बैठक व ट्रेनिंग मॉनिटरिंग हो।